मेरे मन की फसी पतंग किशोरी तेरे महलन में
मुझे रख लो अपने संग किशोरी तेरे महलन में
इस दुनिया से थक चुकी हूं
तेरे महलन में फंस चुकी हूं
उड- उड जग में थक सी गई हूं
आई सबसे होके तंग किशोरी तेरे महलन में
मुझे रख लो अपने संग किशोरी तेरे महलन में
मेरे मन की फसी पतंग किशोरी तेरे महलन में
मनचाहा मुझे सब ने उड़ाया
मनचाहा मेरा पेच लडाया
मुझे रंगलो अपने रंग किशोरी तेरे महलन में
मेरे मन की फसी पतंग किशोरी तेरे महलन में
स्वर-पं यशोदाननदन जी