बना दो बन दो श्याम बिगड़ी हमारी,
बना दो कन्हैया बिगड़ी हमारी,
लो आ गया मैं शरण में तुम्हारी,
बना दो बन दो श्याम बिगड़ी हमारी,
इक तेरे भरोसे ही जग छोड़ दिया हमने,
सारे झूठे रिश्तो से ही मुँह मोड़ लिया हमने,
तुझे सौंप दी है हमने ज़िंदगी ये सारी,
बना दो बन दो श्याम बिगड़ी हमारी......
मेरे आंसू सुख गये दिल टूटा सो सो बार,
अपनों से ही मुझे यहाँ ताने मिले हज़ार,
हारे हुयो की तूने ज़िंदगी सवारी,
बना दो बन दो श्याम बिगड़ी हमारी,
चोखानी कहे ओ श्याम मेरा हाथ पकड़ लेना,
मैं गिर न जाओ कही बाहो में जकड़ लेना,
तेरी दया के बिन ये ज़िंदगी है बाहरी,
बना दो बन दो श्याम बिगड़ी हमारी,