आजा रे सांवरे राधा ढूंढे तुझे वावरी सी फिरे,
आजा रे सांवरे.....
तुझसे बिछड़ के ओ मेरे कान्हा जी न सकूगी मैं ,
आये गा जब लौट के तू फिर न मिलु गी मैं,
तू मेरी कसम ये कसम तोड़ दे,
आजा रे सांवरे राधा ढूंढे तुझे वनवारी सी फिरे,
सदियों से लम्बी हो गई रैना बीते न दिन,
कौन सुनाये बंसी मोहे कान्हा तोरे बिन,
आजा यमुना के पीर धुन वही छेड़ ने,
आजा रे सांवरे राधा ढूंढे तुझे वनवारी सी फिरे,