ये श्याम तेरे अहसान भूले ना भूलू,
जो मुझपे किये उपकार भूले ना भूलू...
तेरे नाम से ही बाबा जुड़ा मेरा नाम है,
तेरे नाम से ही मेरी बनी पहचान है,
तुमसे ही मेरा मान, भूले ना भूलू.....
रोम रोम मेरा बाबा तेरा कर्जदार है,
प्यार जहाँ पूजा दिया ऐसा परिवार है,
मुझे मिला श्याम परिवार , भूले ना भूलू....
खाख से उठा कर मुझे गोद मे बिठाया है,
सोचने से पहले मेरा काम बनाया है,
मेरा पूरा रखता ध्यान , भूले ना भूलू.....
मेने जिंदगी बाबा करदी तेरे नाम है,
"गंगा गोरी" मेरा तीर्थ तेरा खाटू धाम है,
"पागल को मिला सम्मान ,भूले ना भूलू.....
लेखक
कुमार गिरिराज "शरण"
9929044400