ग़म का अँधेरा ये जल्दी ढल जाएगा
मन में भरोसा है मेरा बाबा आएगा
लीले चढ़ आएगा मेरी लाज बचाएगा
ग़म का अँधेरा ये.............
श्याम सुने न ये हो नहीं सकता
बस भगतों के ये भाव परखता
जो भाव अटल हो तो ये रुक नहीं पायेगा
ग़म का अँधेरा ये.............
आस पुराये रोटा हंसाये
मेरा सांवरा हारे को जिताये
विश्वास है ये मुझको मुझको भी जिताएगा
ग़म का अँधेरा ये.............
लहरें चाहे जितनी डराएं
तूफ़ान चाहे जितने भी आएं
निर्मल की नैया को मेरा श्याम चलाएगा
ग़म का अँधेरा ये.............