जाके सिर पे हाथ माहरे श्याम धनी को हॉवे है,
बांको बाल न बांको हॉवे से ,
कलयुग में बाबा का घर घर बजे धनका बड़ो बलकारी है,
जो भाव से ध्यावे पल भर में आवे करे न देरी है,
जा का जैसा भाव बाबो वैसो ही फल देवे है,.
बांको बाल न बांको हॉवे से ,
एक बार जावोगे हर साल जावोगे बाबा के मेले में,
आनंद ही आनंद अमृत की हो बर्षा बाबा के गेले में,
लेकर एको नाम जो भी पैदल खाटू जावे है, वो बेठियो मौज उड़ावे से,
जाके सिर पे हाथ...
दुनिया के मस्ती में मत भूल बाबा ने यु ही तेरे काम को,
जाइए मनोवोगा ये मान जावेगो भूखो है थारे भाव को,
श्याम को आशीर्वाद शुभम रूपम जाके हॉवे है,
वो तान के खुटी सोवे से,
जाके सिर पे हाथ