राम घाट पे थे सिया राम,
और लखन के साथ किया था स्नान,
सब जाने है ये माने है,
भव से वो तर जायेंगे,
जो राम का ध्यान लगाएंगे,
राम का लेते नाम चलो,
चित्रकूट के धाम चलो।।
कुटिया तुलसीदास जी की यहाँ,
राम का नाम थे गाते तुलसी जहां,
श्री राम को जो ध्याते है,
सारे सुख वो पाएंगे,
जो राम रमईया गायेंगे,
राम का लेते नाम चलो,
चित्रकूट के धाम चलो।।
सारे जग में निराला पावन धाम,
कण कण पे बसते है जहां श्री राम,
पर्वत कहे नदिया कहे,
राम नाम की छाया में,
ये जीवन अपना बिताएंगे,
राम का लेते नाम चलो,
चित्रकूट के धाम चलो।।