हनुमत ओ राम जी की बूटी
राम जी की बूंटी पीलादे एक घुंटी,
हनुमत ओ पीलादे एक घुंटी
सिया राम का जाप करूंगी,
जाप करूँगी मैं तो जाप करुंगी
पिकै हो राम जी की घुंटी
खीर चूरमे का भोग करूंगी,
भोग करूंगी तेरा रोट करूंगी,
पिकै हो राम जी की घुंटी
मैं तो थारी शरण रहूंगी,
शरण रहूंगी मैं तो शरण रहूंगी,
पिकै हो राम जी की घुंटी
लिखे रवि के भजन करूँगी,
भजन करूँगी तेरे भजन करूँगी,
पिकै हो राम जी की घूंटी
जय श्री बालाजी
जय श्री राम
लेखक:-रवि शर्मा (श्रीगंगानगर)(7062534590)