क्यू भूल गए श्यामा, मुझे पागल समझ कर भूल गए,
पागल समझ कर भूल गए ,श्याम पागल समझ कर भूल गए,
क्यू भूल गए श्यामा.....
मेरे मन में उठी तरंगे , जापलू नाम तुम्हारा
अब श्यामा तुम दर्शन दे दो ,होगा भला तुम्हारा,
हम बालक हे नादान२ तुम कयु कर भूल गए
क्यू भूल गए श्यामा.....
तुम आओ या ना आओ,में लूंगा नाम तुम्हारा,
जंहा कंही भी जाओगे, पीछा करू तुम्हारा
में छोड़ नहीं सकता, तुम बेशक हमको छोड़ चले,
क्यू भूल गए श्यामा.....
दुनिया में तुम भगति की माला जल्दी फेरो भगवन ,
नहीं तो इस दुनिया में श्यामा धरम होयेगा भंग,
क्यू तोड़ रहे श्यामा मेरा भगति भरा दिल तोड़ रहे
क्यू भूल गए श्यामा.....
मेरे मन में आश लगी में आया पास तुम्हारे,
मातृदत्त हे तुम बिन व्याकुल ,सुनले नन्द दुलारे,
में भूल नहीं सकता तुम बेशक हमको भूल चले
क्यू भूल गए श्यामा.....