अच्छा हुआ मैं तेरे द्वार आया,
कभी जो न सोचा था वो मैंने पाया,
अच्छा हुआ मैं तेरे द्वार आया,
किस्मत की रेखा बदलने लगी है हालत ये मेरी सुधरने लगी है,
विधा हो रहा है हर गम का साया,
अच्छा हुआ मैं तेरे द्वार आया,
चिंता फिआकर अब मुझे न सताते संकट कभी भी न मेरे पास आते,
जबसे मिली है तेरे छतर छाया,
अच्छा हुआ मैं तेरे द्वार आया,
तेरे ही भरोसे दुनिया में घुमु मगन होक बाबा मस्ती में झुमु,
तेरा द्वार बिनु को बहुत रास आया,
अच्छा हुआ मैं तेरे द्वार आया,