कान्हुडा ओ कान्हुडा-॥
कान्हुडा तु मुरली धीरे धीरे बजाना
मथुरा नाचे गोकुल नाचे नाचे बरसाना
ब्रिन्दावन की गली में तेरी बाजे बांसुरी
सबका जियरा चुराये मीठी तान माधुरी
बोल कहां से सीखा तुने दिल का चुराना
दिल चुराने वाले कान्हा बंशी बजाना
कान्हुडा - - - - - - -
तेरी चितवन निराली कान्हा तु है निराला
तेरी बांकी अदायें करे सबको दिवाना
राधे राधे गाके तेरा बंशी बजाना
बंशी की धुन पे सारे जग को नचाना
मथुरा-------
आई चांदनी रात खेलें रास बिहारी
सारी गोपी के संग नाचे क्रिष्न मुरारी
यमुना तट पे कान्हा तेरा रास रचाना
हो गया है कान्हा तेरा दिल ये दीवाना
मथुरा-------
राधे शरमाये कान्हा जब बंशी बजाये
राधे श्याम का रास सबके मन को भाये
झुमे नाचे सखियों का दिल होके दीवाना
राधे राधे श्याम श्याम गाये जमाना
मथुरा-------