ऐसी घुमाई मोरछड़ी मेरे सांवरिया दिन बदले,
बल्ले बल्ले बल्ले,
इतना खजाना बरसाया भर देती झोली और गल्ले,
बल्ले बल्ले बल्ले,
हर ज़ुबान पे है तेरी कहानी तेरे जैसा न कोई है दानी,
मैंने जब जब भी झोली पसारी कभी की न तूने आना कानि,
तेरी दातारि के बाबा मच गये ज़माने में हले,
बल्ले बल्ले बल्ले......
ओह खाटू के सांवरियां प्यारे,
तूने ये क्या गज़ब कर दियां रे,
मैं तो आया था तेरी शरण में तूने मेरे किये वारे न्यारे,
जीवन के साथो सुख तेरे मोरछड़ी से ही निकले,
बल्ले बल्ले बल्ले..........
बात पहले समज में ना आई,
क्यों ये मोरछड़ी तुम को बहाई,
पर देखा जो इसका करिश्मा माना इस में बड़ी है सखलाई,
सोनू सुदा रे भगतो के ये तो जन्म अगले पिछले,
बल्ले बल्ले बल्ले,