दरबार में भंगड़ा पा लिया

दरबार में भंगड़ा पा लिया,
जय बोलो जय बोलो,
मेरी मईया शेरावाली करे भक्तो की रखवाली,
अब इससे ज्यादा क्या कहु,
मैं भक्ती में लट्टू हो गया,
जय बोलो जय बोलो,
दरबार में भंगड़ा पा लिया,
जय बोलो जय बोलो।।

मेरी माँ की शान निराली,
यहाँ आते है सवाली,
जो श्रद्धा से आता है,
भर देती झोली खाली,
इसकी महिमा में खो गया,
जय बोलो जय बोलो,
दरबार में भंगड़ा पा लिया,
जय बोलो जय बोलो।।

तेरे दर पे दुनिया आती,
ध्वजा नारियल लाती,
चरणों में तेरे आके,
मुँह माँगा वर पाती,
सुन के मैं भी आ गया,
जय बोलो जय बोलो,
दरबार में भंगड़ा पा लिया,
जय बोलो जय बोलो।।

वंश भी दर पे आया,
चरणों में शीश झुकाया,
भक्तों की टोलियां लाया,
झूम झूम कर गाया,
भक्ती के रंग में खो गया,
जय बोलो जय बोलो,
दरबार में भंगड़ा पा लिया,
जय बोलो जय बोलो,
मेरी मईया शेरावाली करे भक्तो की रखवाली,
अब इससे ज्यादा क्या कहु,
मैं भक्ती में लट्टू हो गया,
जय बोलो जय बोलो,
दरबार में भंगड़ा पा लिया,
जय बोलो जय बोलो।।
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