माँ को याद न आए


माँ को याद न आए, चाहे माँ को याद न आए ll
हमे तो झुंझनूँ जाना जी, बुलावा आए या न आए ll

प्रेम अगर सच्चा है भक्तो, जाओ बिना बुलाए
अपने क्यों शरमाए भक्तो, देख के वो शरमाए,
हमे तो माँ को रिझाना जी, बुलावा आए या न आए
हमे तो झुंझनूँ जाना जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

जिनका-जिनका आया बुलावा, वो है किस्मत वाले
बिना बुलाए जाने वाले,  वो हैं भक्त निराले,
कि सब का एक ठिकाना जी, बुलावा आए या न आए
हमे तो झुंझनूँ जाना जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

लाखों लाखों भक्त हैं इसके, शायद भूल भी जाएँ
दर पर जा करके भक्तो हम, माँ को याद दिलाएँ,
हमे तो याद दिलाना जी, बुलावा आए या न आए
हमे तो झुंझनूँ जाना जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बनवारी हम पूछ भी लेंगे, हम से बदल गई क्या
लाखों भक्तों के चक्क्र में, हम को भूल गई  क्या,
हमे तो प्रेम निभाना जी, बुलावा आए या न आए
हमे तो झुंझनूँ जाना जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
धुन- नी मैं यार मनाना जी
अपलोडर- अनिल रामूर्ति भोपाल
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