तुम बिन हमारी विपदा मां कौन आके टारे,
नैया भंवर पड़ी है करदो जरा किनारे,
निर्धन को मिली माया गूँगे ने गीत गाये
कोढ़ी की मिली काया अंधे ने नैन पाए,
मैं भी शरण मे तेरी हर कष्ट सब हमारे,
तेरे द्वार से मां खाली न कोई जाए
तू है बड़ी दयालु हर कोई गीत गाये
मैं भी पड़ा कब से मैया शरण तिहारे,
ज्योति से तेरी जगमग ये चांद और तारे,
पल में मिटाये मां तू भक्तो के कष्ट सारे,
राजेन्द्र गीत गा गा तेरी आरती उतारे,
शरण तिहारे