माँ ने खेल रचाया है

माँ ने खेल रचाया है हुन मौजा ही मौजा,
दर ते आप बुलाया है हुन मौजा ही मौजा,
असां ने उस तो जो भी मंगेया, माँ ने झोली पाया है,
हुन मौजा ही मौजा,
माँ ने खेल रचाया है हुन मौजा ही मौजा......

सो सो वारी चरना च मत्थे अस्सी टेके जदों, हो गईया दूर ने उदासियां,
दुनिया दी शानी महारानी दा दीदार कर खुश होयियाँ अंखियाँ प्यासियाँ,
चरना चो वग्दी गंगा दा माँ ने अमृत पान कराया है, हुन मौजा ही मौजा,
शीतल मिल गयी छाया ए, हुन मौजा ही मौजा,
मेहर दा मीह बरसाया ए, हुन मौजा ही मौजा,
असां ने उस तो जो भी मंगेया, माँ ने झोली पाया है,
हुन मौजा ही मौजा,
माँ ने खेल रचाया है हुन मौजा ही मौजा......

माँ ने कईयां जन्मा दे धोने हुण धो दित्ते, दित्तियाँ ए नेह्मता सारीयां,
खुश विच्च लगदे ना धरती ते पैर मेरे, बिना खम्बो लावा मैं उडारीयाँ,
देवी पंजमी ने दुखड़े हर के रोंदा मूह हसाया ए, हुन मौजा ही मौजा,
जलवा नवा दिखाया ए, हुन मौजा ही मौजा,
कुंदन हो गयी काया ए, हुन मौजा ही मौजा,
असां ने उस तो जो भी मंगेया, माँ ने झोली पाया है,
हुन मौजा ही मौजा,
माँ ने खेल रचाया है हुन मौजा ही मौजा......

सूनी सूनी जिंदगी दे सूखे सूखे बाग़ विच्च मेहकियां बहारा हुण लाख माँ,
ऐस पासे तकेया तू मेहर दीया अंखा नाल, खुली मेरी कर्मा दी आँख माँ,
मेरे मन दे मंदिरां अन्दर डेरा माँ तू लाया ए, हुन मौजा ही मौजा,
सुता भाग जगाया ए, हुन मौजा ही मौजा,
सदा लायी चरनी लाया ए, हुन मौजा ही मौजा,
असां ने उस तो जो भी मंगेया, माँ ने झोली पाया है,
हुन मौजा ही मौजा,
माँ ने खेल रचाया है हुन मौजा ही मौजा......

अष्ट भुजी दाती  माँ ने मेहरा दी पिटारी खोल बढ़िया सोगाता अज्ज कडियां,
तीनों लोकां दियां सारियां ही रेहमता बचेया तो वार हुण छडीया,
माँ ने अपनी भक्ति दा सानु पावन नशा चढ़ाया ए, हुन मौजा ही मौजा,
अपना नाम जपाया ए, हुन मौजा ही मौजा,
रोम रोम हर्षाया ए, हुन मौजा ही मौजा,
महामयी दी माया ए, हुन मौजा ही मौजा,
दिन खुशियाँ दा आया ए, हुन मौजा ही मौजा,
असां ने उस तो जो भी मंगेया, माँ ने झोली पाया है,
हुन मौजा ही मौजा,
माँ ने खेल रचाया है हुन मौजा ही मौजा......
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