मेरी अर्ज़ी लगी होगी चरणों में रखी होगी,
श्री श्याम प्रभु तुमने थोड़ी तो पढ़ी होगी,
लेलो डीनो के नाथ मेरे फैसले अपने हाथ,
ना होगी हार मेरी,
ना होगी हार मेरी....
ओ श्याम अगर दिन रात,
तुम यूँ ही चले मेरे साथ,
ना होगी हार मेरी,
ना होगी हार मेरी....
चाहे जैसे हो हालात, तुम खड़े रहे जो साथ,
ना होगी हार मेरी,
ना होगी हार मेरी.....
है तेरे हाथ में मेरा आने वाला कल
तेरी मर्ज़ी पर है मेरे सुख के हर पल,
तुम थामे रहना हाथ और देते सौगात,
ना होगी हार मेरी,
ना होगी हार मेरी....
ओ श्याम अगर दिन रात,
तुम यूँ ही चले मेरे साथ,
ना होगी हार मेरी,
ना होगी हार मेरी....
चाहे जैसे हो हालात, तुम खड़े रहे जो साथ,
ना होगी हार मेरी,
ना होगी हार मेरी.....
इन आँखों के दर्पण अश्कों से धोते थे,
हम जब भी होते थे तनहा ही होते थे,
जयंत है तेरा गुलाम पद्मा के बना दो काम,
चाहे जैसे हो हालात तुम खड़े रहे जो साथ,
ना होगी हार मेरी,
ना होगी हार मेरी...
ओ श्याम अगर दिन रात,
तुम यूँ ही चले मेरे साथ,
ना होगी हार मेरी,
ना होगी हार मेरी....
चाहे जैसे हो हालात, तुम खड़े रहे जो साथ,
ना होगी हार मेरी,
ना होगी हार मेरी.....