श्यामा खो गया मेरा दिल,
तेरे बरसानें में,
तेरे महलों के हसीं नज़ारों में,
श्यामा खो गया मेरा दिल,
तेरे बरसानें में....
चांद तारों ने सजदा किया है जहां,
तेरी चोखट पे झुकता है सारा जहां,
तेरी रहमत को कैसे बांचें बता,
लगा दी नईया भंवर से किनारे पे,
श्यामा खो गया मेरा दिल,
तेरे बरसानें में....
बेसहारो को तुमनें सहारा दिया,
बेकिनारो को तुमनें किनारा दिया,
बुलाया जब भी तुम्हें दोड़ी आती हो तुम,
लगा दी देरी क्यों मेरी बारी में,
श्यामा खो गया मेरा दिल,
तेरे बरसानें में.....
नहीं चाहिए धंन ओर दौलत मुझे,
नहीं चाहिए दुनिया की शौहरत मुझे,
तेरे चरणों में यही अर्ज़ मेरी,
मेरी डोरी भी लो अपनें हाथों में,
श्यामा खो गया मेरा दिल,
तेरे बरसानें में....
देवगण सब तरसते जनंम को यहां,
तेरे दरपे है सजती रसिक टोलीयां,
मोहन फिरते बंनकर मनिहारी यहां,
बसालो हमको भी अपनें बरसानें में,
श्यामा खो गया मेरा दिल,
तेरे बरसानें में....