तर्ज - साजन मेरा उस पार है
मिग्सर का आया त्योहार है,
सज गया चुरू दरबार है,
बेठे श्री बाबोसा सरकार है,
दर्शन को दिल बेकरार है।
एक बरस का इंतजार है,
मिग्सर की पाँचम आई द्वार है,
दर्शन को अखियाँ तरसी है,
सावन के जैसे झर झर बरसी है,
होने वाला उनका दीदार है,
दर्शन को दिल बेकरार है,
मिग्सर का आया त्योहार है,
सज गया चुरू दरबार है.....
दिलबर अब किसका इंतजार है,
संग तेरे बाबोसा परिवार है,
भक्तो को मिलता जहाँ प्यार है,
प्राची वो चुरू दरबार है,
आओ हम भी चले एकबार है,
दर्शन को दिल बेकरार है,
मिग्सर का आया त्योहार है,
सज गया चुरू दरबार है.....