बाबा मुझे दर पे बुलाना,
तेरा धाम रूनिचा है सुहाना ।
मैं हर साल सोचूं मैं जाऊं रूनिचा,
मगर कोई काम निकलता है दूजा ।
बाबा दर पे मुझको बुलाना,
तेरा धाम रूनिचा है सुहाना ॥१॥
किस्मत वाले है जो वो हर साल जाते,
रूनिचा मे जाकर वो जम्मा जगाते ।
बाबा मुझे अब ना रुलाना,
तेरा धाम रूनिचा है सुहाना ॥२॥
तेरे दर पे भक्तो का लगता है रेला,
मुझे कब बुलाओगे अजमल के लाला ।
सेवक हू मे तेरा पुराना,
तेरा धाम रूनिचा है सुहाना ॥३॥