ये माटी में मिल जाएगी,
मिल जाएगी रे बन्दे कंचन काया कंचन काया,
उस मालिक ने सब जीवो में तुझको सरेष्ठ बनाया है.
मोह माया में फस कर तूने जीवन व्यर्थ गवाया है,
सात कर्मो के खातिर तूने पाई है बन्दे कंचन काया,
ये माटी में मिल जाएगी.....
हर पल तेरी सांसे घटती जीवन एक जलमेला है,
जगत जाल में आन फसा तू खुद को ऐसा बोला है,
समजा है तूने इसको अपना पराई है रे बन्दे,
कंचन काया हो कंचन काया,
तेरी मेरी करते करते निकल गए दिन ये तेरे,
सिर पे लादे पाप की गठरी काहे भटक ता तू प्यारे,
हर्ष रहे न यु ही हमेशा सवाई तेरे बंदे,
कंचन काया कंचन काया....