श्याम पत्थर ना मारो बुरी बात है,
सब बना खेल मेरा बिगड़ जाएगा॥
फूट जाएगी मटकी मेरे सामने,
देगी सासुलिया गाली बताऊं तुझे,
और माखन भी सारा बिखर जाएगा,
सब बना खेल मेरा बिगड़ जाएगा.....
नंद बाबा के तुम लाडले लाल हो,
तुमको माखन की कोई कमी ही नहीं,
माखन खा लो नहीं तो पिघल जाएगा,
सब बना खेल मेरा बिगड़ जाएगा....
माखन खाना है खा लो मेरे सामने,
लूटना फेंकना मुझको भाता नहीं,
माखन इतना है खा के तू झिक जाएगा,
सब बना खेल मेरा बिगड़ जाएगा....
मां यशोदा से करूंगी शिकायत तेरी,
गलती उसको मैं सारी बताऊं तेरी,
पीटते पीटते नशा सब उतर जाएगा,
सब बना खेल मेरा बिगड़ जाएगा....