क्यूँ‌ न सजाऊँ मैं तेरा दरबार साँवरे

तर्ज-तुझसे मिली नज़र के मेरे होश उड़ गये

क्यूँ‌ न सजाऊँ मैं तेरा दरबार साँवरे
कैसे भुलाऊँ मैं,कैसे भुलाऊँ मैं
कैसे भुलाऊँ मैं तेरे उपकार साँवरे

खाटूवाले बाबा श्याम,मुझ पर है तेरा एहसान
मैं तो था ग़ुमनाम प्रभु,मुझे मिली तुझसे पहचान
क्यूँ न जताऊँ मैं तुझसे प्यार साँवरे

तूने मुझे घरबार दिया,सुन्दर सा परिवार दिया
इज्ज़त की दो रोटी दी,अच्छा कारोबार दिया
कैसे गिनाऊँ मैं तेरे उपहार साँवरे

याद मुझे दिन है मेरा,चारों तरफ़ था अन्धेरा
तूने हाथ मेरा थामा,शुकरमन्द मैं हूँ तेरा
क्यूँ न लगाऊँ मैं तेरी जयकार साँवरे

कलियाँ चुन-चुन लाता है, प्रेमी तुझे सजाता है
देख तेरा सोंणा मुखड़ा,'मोहित' दिल हो जाता है
क्यूँ न कराऊँ मैं तेरा श्रृंगार साँवरे

मोहित साईं(भजन गायक एवं लेखक)
अयोध्याधाम
9044466616
download bhajan lyrics (965 downloads)