वो श्याम आएंगे खाटू से,
श्याम आएंगे बिगड़ी मेरी बनाने को,
सजा के बैठी हूँ मैं भी गरीबखाने को....
द्वारा तेरा ही काफी है सब द्वारो से,
सहारा तेरा ही काफी है सब सहरो से,
ये आँखें तरसी है मेरी दीदार पाने को,
सजा के बैठी हूँ मैं भी गरीबखाने को,
वो श्याम आएंगे.....
श्याम मेरे श्याम, मेरे श्याम, मेरे श्याम, मेरे श्याम.....
वो श्याम आएंगे मैं रास्ता निहार रही,
दिखा दो दर्श ऐ बाबा मैं पुकार रही,
छुपा लूँ आँखों में ना हो खबर ज़माने को,
सजा के बैठी हूँ मैं भी गरीबखाने को,
वो श्याम आएंगे............
आओ सांवरे मुझको अब ना तरसाओ,
मेरी धड़कन मेरी साँसों में अब समा जाओ,
आओ बिगड़ी कोमल की, आओ बिगड़ी साबिर की अब बनाने को,
सजा के बैठी हूँ मैं भी गरीबखाने को,
वो श्याम आएंगे..........