मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
मेरे श्याम मुझे तू ही नज़र आये,
अब छोड़ के खाटू धाम तेरी प्रेमी किधर जाए,
मेरे श्याम तेरी प्रेमी किधर जाए,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
मेरे श्याम मुझे तू ही नज़र आये।
गैरों ने ठुकराया अपने भी बदल गए हैं,
हम साथ चले जिनके वो दूर निकल गए हैं,
श्याम तेरे रेहम पर हूँ तू बख्शे या ठुकराए,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
श्याम, मुझे तू ही नज़र आए।
माना के मैं पापी हूँ तुझे खबर गुनाहों की,
बस इतनी सज़ा देना मुझे मेरी खताओं की,
तेरे दर पे हो सर मेरा और स्वांस निकल जाए,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
श्याम, मुझे तू ही नज़र आए।
हम श्याम प्रेमियों की क्या खूब तमन्ना है,
तेरे नाम पे जीना है तेरे नाम पे मरना है,
मरना तो है वो तेरी चौखट पे जो मर जाए,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
श्याम, मुझे तू ही नज़र आए।
हारे के सहारे हो तुम श्याम हमारे हो,
आ जाएँ जो खाटू धाम वारे फिर न्यारे हो,
तेरी नज़रें करम हो तो गुरदास भी तर जाए,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
मुंह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये,
श्याम, मुझे तू ही नज़र आए।