कितनी कशिश हैं तुझमें बिहारी,
मेरा मन मोह गई सूरत तिहारी,
आजा श्याम.. आजा श्याम रे आजा श्याम....
बार बार देखूँ तुमको आखों में निहार लूँ,
बार बार देखूँ तुमको नैनों से निहार लूँ,
जी करता हैं प्यारे नज़र उतार लूँ,
लेके बलैया तेरी जाऊँ वारी वारी,
मेरा मन मोह.......
जब तक नैनों के दीप जले मेरे,
हर पल दीदार करूँ साँवरे मैं तेरे,
चरणों में तेरे प्यारे अर्जी हमारी,
मेरा मन मोह.......
रूप के समुन्द्र में मैं डूब जाऊँ,
तेरे सिवा प्यारे किसी को ना चाहूँ,
रहमत हमेशा मुझपे रखना बिहारी,
मेरा मन मोह.......
आजा तोहे आँचल की छांव में छिपालूं,
अपना बनालो तोहे सीने से लगालूँ,
‘पवन’ की तमन्ना पूरी करदो बिहारी,
‘नीलम’ की तमन्ना पूरी करदो बिहारी,
मेरा मन मोह.......