नंदलाला कृष्ण मुरारी तेरे चरणों पे बलहारी,
तू ही रास रचियाँ तू है गोपाला तू ही मुरली वाला,
तू ही गिरदारी,
नंदलाला कृष्ण मुरारी तेरे चरणों पे बलहारी,
श्याम वर्ण पीताम्बर दारी गल वैजन्ती माला.
कुञ्ज गलन में बंसी भजाये गोवर्धन गोपाला,
मोर मुकट की शोभा न्यारी कितनी सूंदर छवि तुम्हारी,
नंदलाला कृष्ण मुरारी तेरे चरणों पे बलहारी,
बस गई तेरी सवाली सूरत भक्त जनो के मन में,
हमने चारो धाम है पाए तेरे ही चरणों में,
पूजे तुझको दुनिया सारी जय गोपाला जय बनवारी,
नंदलाला कृष्ण मुरारी तेरे चरणों पे बलहारी,