अँखियाँ दे विच सोना श्याम वसदा,
किवे खोला मैं अँखियाँ,
अँखियाँ दे विच मेरा यार वसदा,
किवे खोला मैं अँखियाँ.....
श्याम सुन्दर जी दी किरपा होई,
दो नैना विच रोशन होई,
मैनु सुरमे कजले दी लोड़ कोई ना,
किवे खोला में अँखियाँ.........
शामसुन्दर मेरे कीता ए कमाल वे,
बन गई मै बादशाह हो गयी मालोंमाल वे,
मैनु होर खजानेया दी लोड़ कोई ना
किवे खोला में अँखियाँ.........
श्याम सुन्दर मेरी चुनरी रंगायी,
अपने नाम वाली चादर पाई,
मैनु ज़रिया किनारिया दी लोड कोई ना,
किवे खोला में अँखियाँ.........
इक दिन राती श्याम सपने च्च आ गया,
सुआ सुआ रंग मेरी माँग विच पा गया,
मै बन गयी सुहागन मेरिया हसन अँखियाँ,
किवे खोला में अँखियाँ........
सुत्ती उठी मैनू लोक ने पुछदे,
लबया ए श्याम कित्थो एवी ज़रा दस वे,
वृंदावन जाके सोना श्याम लबया,
किवे खोला में अँखियाँ.........