ओ मोहन प्यारे बन गए नैना ये सावन के अब तो आ जाओ मोहन
हर पल तुझे पुकारे मन
तेरी ही याद में बचपन बीता तेरे ही सपने सजाये,
आंधी एसी फिर चली भटकू मैं फिर गली गली कब दोगे मुझे दर्शन ,
ओ मोहन प्यारे बन गए नैना ये सावन के अब तो आ जाओ मोहन
मैं सुहागन तेरी मोहन तुझको पति मैंने माना
नही आई है बारात मेरे हुए न पीले हाथ
फिर भी मीरा है तेरी दुल्हन
ओ मोहन प्यारे बन गए नैना ये सावन के अब तो आ जाओ मोहन
पी गई मैं तो जेहर का प्याला तेरे लई मेरे मोहन
देती दुनिया है ताने तू न दर्द मेरा जाने बिन बदरा के बरसे नैन
ओ मोहन प्यारे बन गए नैना ये सावन के अब तो आ जाओ मोहन