मेरे पाप है ज्यादा पुण्य है कम,
श्री राधे बसा लो वृंदावन।।
विषयों की आंधी आती है,
मेरे पुण्य नष्ट कर जाती है ।
अब किससे कहूं मेरे बीते जन्म,
श्री राधे बसा लो वृंदावन ।।
हे सर्वेश्वरी कृपा कर दो ,
करुणा करके झोली भर दो ।
अब तो रख लो मुझे अपनी शरण,
श्री राधे बसा लो वृंदावन ।।
राधे ज्योति हो तुम मैं अंधियारा,
कष्टों से भरा यह जग सारा ।
अब तुम ही मिटा दो सारे भरम,
श्री राधे बसा लो वृंदावन ।।