साधु भाई अवगत लिखियो ना जाई

साधो भाई अवगत लिखियो ना जाई,
जो कोई लिखसी संन्त शूरमा ,नूरा में नूर समाई,

जैसे चन्दा उदक में दरसे ,ज्यूँ सायब सब माही,
दे शष्मा घट भीतर देखो ,नूर निरन्तर नही,

उरां से उरां दुरा से दुरा ,हरि हिरदा के माही,
सपना में नार गमायो बालू ,जाग पड़ी जब वाही,

जाग्रत जोत जगे घट भीतर ,ज्यां देखूं वा सांई,
उगा भांण बीत गई रजनी ,हरि हम अंतर नाही,

ममता मेट मिलो मोहन से ,गुरां से गुरु ग़म पाई,
कहे बन्ना नाथ सुणो भाई ,संता अब कुछ धोखा नाही,

भजन गायक - चम्पा लाल प्रजापति मालासेरी डूँगरी
                      89479-15979

श्रेणी
download bhajan lyrics (1050 downloads)