जरा तो इतना बता दो भगवन
लगी ये कैसी लगा रहे हो ।
मुझी में रहकर मुझी से अपनी
ये खोज कैसी करा रहे हो ।।
हृदय भी तुम हो तुम्ही हो स्पन्दन
प्रेम तुम हो तुम्ही हो प्रेमी ।
पुकारता मन तुम्हीं को क्यों फिर
तुम्हीं जो मन में समा रहे हो ।। जरा...
प्राण तुम हो तुम्ही हो प्रियतम
नयन भी तुम हो, तुम्ही हो मधुबन ।
तुम्हे पुकारूं तुम्हीं को ढूंढूं
अजब ये लीला करा रहे हो ।। जरा...
भाव भी तुम हो तुम्ही वंदना
संगीत तुम हो तुम्ही हो रचना ।
स्तुति तुम्हारी तुम्हे सुनाऊँ
यह कैसी पूजा करा रहे हो ।। जरा...
कर्म भी तुम हो तुम्ही हो कर्ता
धर्म भी तुम हो तुम्ही हो धर्ता ।
निमित्त कारण मुझे बनाकर
ये नाच कैसा नचा रहे हो ।। जरा...