मिले हैं जो चार दिन
हँसके गुजार ले
ना मिले कहीं -तो- खुशियाँ
किसी से उधार ले
मिले हैं जो चार दिन -------
चेहरा मुस्कुराता
है सबको भाता
उदासी का पर्दा -
मन से उतार लें
ना मिले कहीं- तो - खुशियाँ -
किसी से उधार ले
मिले हैं जो चार दिन
हँसके गुजार ले
फुरसत के दो पल
मिले तो - ना रो -
अपने गम का रोना
उन दो पलों को-
हँसके गुजार ले
ना मिले कहीं - तो -
खुशियाँ -
किसी से उधार ले