कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
राम मिथला में आए कमाल हुई गवा...
राम मिथला में आए कमाल हुई गवा,
दिल की बगिया खिलाये कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
राम मिथला में आए कमाल हुई गवा...
जिस धनुष को बाणासुर भी छू न सका,
जिस धनुष को दशानन डिगा न सका,
जिस धनुष को बाणासुर भी छू न सका,
जिस धनुष को दशानन डिगा न सका,
एक पल में धनुष तोड़े कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
राम मिथला में आए कमाल हुई गवा...
मिट गई पल में सीता की दुविधा बड़ी,
बच गई पल में नृप की प्रतिष्ठा बड़ी,
मिट गई पल में सीता की दुविधा बड़ी,
बच गई पल में नृप की प्रतिष्ठा बड़ी,
ब्याह सियावर कहाये कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
राम मिथला में आए कमाल हुई गवा...
बड़ा भाग हम सभी का है सुन लो सखी,
पुण्य बड़ा हम कमाया है सुन लो सखी,
बड़ा भाग हम सभी का है सुन लो सखी,
पुण्य बड़ा हम कमाया है सुन लो सखी,
इनके दर्शन हम पाए कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
राम मिथला में आए कमाल हुई गवा....
राम मिथला में आए कमाल हुई गवा,
दिल की बगिया खिलाये कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
कमाल हुई गवा हो कमाल हुई गवा,
राम मिथला में आए कमाल हुई गवा....
रचनाकार - ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र