ऐसा प्यार बहा दे मैया, चरणों से लग जाऊ मैं ।
सब अंधकार मिटा दे मैया, दरस तेरा कर पाऊं मैं ।।
जग मैं आकर जग को मैया, अब तक न मैं पहचान सका |
क्यों आया हूँ कहाँ है जाना, यह भी ना मै जान सका |
तू है अगम अगोचर मैया, कहो कैसे लख पाऊं मैं ||
कर कृपा जगदम्बे भवानी, मैं बालक नादान हूँ |
नहीं आराधन जप तप जानूं, मैं अवगुण की खान हूँ |
दे ऐसा वरदान हे मैया, सुमिरन तेरा ग़ाऊ मैं ।|
मै बालक तू माया मेरी, निष् दिन तेरी ओट है |
तेरी कृपा से ही मिटेगी, भीतर जो भी खोट है |
शरण लगा लो मुझ को मईया, तुज पे बलि बलि जाऊ मैं ||