जग पे संकट आया बाबा मोरछड़ी लेहराओ ना,
हार गया जग इस संकट से नीले चढ़ अब आओ ना,
जग पे संकट आया बाबा मोरछड़ी लेहराओ ना....
इस संकट की आंधी बाबा बढ़ती बढ़ती जावे है,
हर प्रेमी अब तेरे आगे एक ही अर्ज़ी लगावे है,
इस संकट को हरने खातिर बाण तो एक चलाओ ना,
जग पे संकट आया बाबा मोरछड़ी लेहराओ ना....
तेरे इस जग की बगिया के पुश गिरते जाएँ हैं,
धार के रूप काल माली का पुष्प चुनता जावे है,
बनके मांझी आजा सांवरे नैया पार लगाओ ना,
जग पे संकट आया बाबा मोरछड़ी लेहराओ ना...
अनसुना क्यों करते बाबा प्रेमी तुझे पुकारे हैं,
गौरव संग प्रेमी ये सारे बाबा तेरे दुलारे हैं,
अँखियाँ बरसे छम छम बाबा कोई तो राह दिखाओ ना,
जग पे संकट आया बाबा मोरछड़ी लेहराओ ना....