माँ शेरावाली की महिमा है न्यारी,
करती है मैया पीले शेर की सवारी,
ऊचें पहाड़ो पे माँ का बसेरा,
भक्तजनों का लगे फिर भी फेरा,
चढ़ के चढाई है आते श्रदालु,
सबको पता है के माँ है दयालु,
माँ शेरावाली की महिमा है न्यारी....
माता के द्वारे जो शीश नवाया,
मनचाहा वर बाझ ने माँ से पाया,
करवाया उसने माँ का जगराता,
आरती उतारी और माँ की पूजा,
पुत्र धन मिला तो वो दुखियारी,
माँ शेरावाली की महिमा है न्यारी....
माथे पे बिंदिया है कानो में कुंडल,
लाल चुनर माथे नैनो में काजल,
रूप सलोना है कैसा अनुपम,
पाँव में पायल है बजती छम छम,
लगती है सूरत कैसी मैया की प्यारी,
माँ शेरावाली की महिमा है न्यारी....