मॉं का दरबार है यह, यहॉं मॉं का ठिकाना

मॉं का दरबार है यह, यहॉं मॉं का ठिकाना है।
मॉं के चरणों में हमें, सब ही को आना है ।। टेर ।।

देवों के राजा जो यहॉं बैठे गजानन्द हैं
बैठे गजानन्द जहॉं वहॉं आनन्द ही आनन्द है
करना है तो काम कोई, पहले इनको मनाना है ।। मॉं का ।।

मारूति बजरंग बली दया भक्तों को इनकी मिली
जो भी शरण आये बजरंग करते हैं सबकी भली
भक्ति का अभय वरदान, बजरंग से पाना है ।। मॉं का ।।

भाग्य विधाता है शिव जो दुनिया के दाता है
धर्मपाल यहॉं पर तुझे शीश झुकाता है
माताओं की माता तुम, तेरी शरण में आना है ।। मॉं का ।
श्रवण बठला
करनाल
98123!2426
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