अर्ज़ी हमारी मर्ज़ी तुम्हारी

अर्जी हमारी मर्जी तुम्हारी
हे नंद नंदन बाँके बिहारी.......॥

हे अंतरयामी सबके स्वामी
हे नन्द नंदन बाँके बिहारी
अर्जी हमारी मर्जी तुम्हारी.......॥

हे अभिनसी घट घट वासी
हे नन्द नंदन बाँके बिहारी
अर्जी हमारी मर्जी तुम्हारी........॥

पूजा की बिधि में नही जानू
में हु अधम मूरख खल कामि
हे नन्द नन्दन बाँके बिहारी
अर्जी हा।ऋ मर्जी तुम्हारी
हे नन्द नंदन बाँके बिहारी.......॥

जय हो बाँके बिहारी।।।
दयाकृष्ण काण्डपाल (देव) नैनीताल उत्तराखंड
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