सुन दर्ज़ी सियो दे चोखा कुरता
मैं जाऊं उड़ता उड़ता ओ फागुन के मेले में॥
हाथ में पकड़ कर निशान जाऊँगा,
खाटू धाम जाऊंगा, झूम झूम जाऊँगा,
अपने मन के भाव बाबा को सुनाऊंगा,
खाटू धाम जाऊंगा, बाबा पास जाऊँगा,
अपनी अर्ज़ी मैं बाबा को सुनाऊँ, हाँ बाबा को मनाऊं,
हाँ फागण के मेले में.....
हारे के सहारे जो बाबा श्याम हमारे वो,
रोते हुए देखे ना जो हँसते हुए देखे वो,
भर के झोली वो कुछ भी ना मांगे,
हो फागुन के मेले में.....
दुनिया में सबसे प्यारे बाबा श्याम जी,
लीले के सवार जी, लीले के सवार जी,
तीन बाणधारी जिनकी पहचान जी,
मेरे खाटू श्याम जी, मेरे खाटू श्याम जी,
जाके इत्र मैं बाबा को लगाऊं, ओ भजनो से रिझाऊं,
हो फागुन के मेले में.....