अपने भगत की आँख में आँसू देख ना पाएगा,
जब जब भी श्याम दिवानो के सर पे संकट मंडरायेगा,
कन्हैया दौड़ा आयेगा,
अपने भगतो के लिए कुछ भी कर जाएगा,
कन्हैया दौड़ा आएगा.....
जब दूर सवेरा हो, घनघोर अंधेरा हो,
मेरे श्याम की आश लगाए जा,
तू छोड़ दे नैया को, बस श्याम भरोसे पर,
बस श्याम नाम गुण गाये जा,
बन कर के माँझी साँवरिया भव सागर पार,
कन्हैया दौड़ा आएगा.....
हर एक मुसीबत ही, खुद हल हो जाएगी,
जब मोरछड़ी लहरायेगा,
गोदी में बैठाकर के, सीने से लगाकर के,
तेरे सिर पर हाथ फिराएगा,
जितने भी अश्क़ बहे तेरे हर एक का मोल चुकाएगा,
कन्हैया दौड़ा आएगा.....
विश्वाश की डोरी को, तू बांध ले कस कर के,
बाँका ना होगा बाल तेरा,
साये सा तरुण तेरे, संग चलता जाएगा,
ये बन कर के रखवाल तेरा,
संकट पे संकट बन कर के मेरा श्याम स्वम चढ़ जाएगा,
कन्हैया दौड़ा आएगा.....