तर्ज - एक दिन बिक जायेगा माटी
दिल से जो गायेगा, श्री बाबोसा का नाम,
पल में बन जायेंगे, उसके बिगड़े काम,
लागी है जिनको भी श्री बाबोसा से प्रीत,
खुशियों में झूमते वो तो सुबह शाम,
दिल से जो गायेगा.....
गम की घटाये जब जीवन मे छाये,
खुशियां भी जब हमसे ओंझल हो जाये,
हिम्मत ना हारो इन्हें दिल से पुकारो,
भक्तो के खतिर बाबोसा दौड़ा दौड़ा आये,
सांसों की सरगम हो मन वीणा का तार,
इनके ही चरणों मे मिलता है आराम,
दिल से जो गायेगा.....
मन को लुभाती है ये प्यारी सूरत,
हनुमत के जैसी है ये तेरी मूरत,
ओ बाबोसा प्यारे तेरे नैना मतवारे,
तेरे चरणों मे मिल गई है मुझको जनन्त,
कलयुग में साँचा है चुरू का दरबार,
"दिलबर" जहाँ बेठे है बाबोसा सरकार,
दिल से जो गायेगा.....