जो बीत गया वह पल दुबारा नही आते,
आते है नये दौर पुराने नही आते,
लकड़ी के मकानो मे चिरागे ना चलाया करो,
लग जायेगी गर आग बुझाने नही आते,
आते है नये दौर पुराने नही आते.....
इस पेड़ की छाओ मे बसेरा नही होता है मेरा,
लग जायेगी गर अॉख जगाने नही आते,
आते है नये दौर पुराने नही आते.....
गायक रसीद मयूर (राधे) इटावा राजस्थान
रहीस मयूर इटावा
9785090030,9829962362