जय जय गणेश जय जय गणेश
शिव गौरां के लाल को सब मिल ध्याते है,
ऋद्धि सिद्धि के दाता गणेश को मनाते हैं॥
गौरी पुत्र गणेश बल बुद्धि के दाता हैं,
शिव शंकर के प्यारे कार्तिक के ये भ्राता है,
सब देवों से पहले इनको मनाते हैं,
ऋद्धि सिद्धि के दाता गणेश को मनाते हैं॥
विघ्न विनाशक देवा करे मूषक सवारी है,
दिनन की रखते लाज मेरे जग बलिहारी है,
भक्त तेरे चरणों में ध्यान लगाते हैं,
ऋद्धि सिद्धि के दाता गणेश को मनाते हैं॥