चलो फागण का लगा मेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
खाटू के खुल गए द्वारे,
मेले के गजब नज़ारे,
मेले में मिलके सारे धूम मचाएँगे,
रिंगस से खाटू श्यामध्वजा लहरायेंगे॥
अजब नज़ारे देखें है मैंने खाटू वाले के,
फागण में दर्शन होते हैं क़िस्मत वाले के,
मेरा बाबा खाटू वाला फागण में लगे निराला,
जो हार के दर पे जाता बाबा ने उसे सम्भाला,
मेले में मिलके सारे धूम मचाएँगे,
रिंगस से खाटू श्यामध्वजा लहरायेंगे॥
दीवाने मिलकर के श्याम निशान उठाते हैं,
श्यामधनी साँवरिया के रंग में रंग जाते हैं,
अब के फागण में बाबा हमें अपना रंग चढ़ादे ,
मेरे खाटू के साँवरिया हमें रंग गुलाल लगादे,
मेले में मिलके सारे धूम मचाएँगे,
रिंगस से खाटू श्यामध्वजा लहरायेंगे॥
सबसे ज़्यादा श्यामधनी तुम्हें प्यार करता हूँ,
हर ग्यारस में आ करके तेरा दीदार करता हूँ,
तेरी ही कृपा से बाबा “कोमल” ने तुझे रिझाया,
अब भगतों देर ना करना बाबा ने हमें बुलाया,
मेले में मिलके सारे धूम मचाएँगे,
रिंगस से खाटू श्यामध्वजा लहरायेंगे॥
चलो फागण का लगा मेला,
मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
खाटू के खुल गए द्वारे,
मेले के गजब नज़ारे,
मेले में मिलके सारे धूम मचाएँगे,
रिंगस से खाटू श्यामध्वजा लहरायेंगे.....