मैं बड़ी दूर ते आयी,मैं हरियाणा ते आयी
मै बड़ी दूर ते आयी,मै खाली हाथ ना जाऊंगी
मेरी खुला लॉटरी बाबा दर पे धूम मचाऊंगी
मेरी खुला लॉटरी बाबा दर पे धूम मचाऊंगी
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कमी नही तेरे भंडारे में कहती दुनिया सा री
कदकी देखु बाट सावरा कद आवे मेरी बारी
तू सबसे देव निराला मेरा खोल कर्म का ताला
मेरा खोल कर्म का ताला नही तो में शोर मचाऊंगी
मेरी खुला लॉ टरी बाबा दर पे धूम मचाऊंगी
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मंगाई में घर का बाबा कोन्या चले गुजारा
मैं भूखी बालक भूखे तंग पावे कुनबा सारा
ते ईसा मार दे सोटा मेरा दूर भाग जाये टोटा
मेरा दूर भाग जाये टोटा में फूली नही समाऊंगी
मेरी खुला लॉटरी बाबा दर पे धूम मेरी मचाऊंगी
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इच्छा पूरी होगी तो तेरे दर पे पैदल आऊ
चौबीस कैरेट सोने का मे तेरे छत्र चढ़ाऊँ
आगे सब तेरी मर्जी ये "भीमसेन"की अर्जी
ये"भीमसेन"की अर्जी "निलम" गुण तेरे गायेगी
मेरी खुला लॉटरी बाबा दर पे धूम मेरी मचाऊंगी
लेखक:भीमसेन जी
भजन गायिका:निलम बाडोलिया जयपुर
मो.8003814181