लीले घोड़े असवार करा थारी मनहार बाबा म्हारे घरा आओ जी,
कानो में थारे कुण्डल सोहे गल बैजंती माला,
सिर पे थारे मुकट विराजे नैन लगे मतवाला,
शोभा वर्णी न जाए देख्या मन हरषाये,
बाबा म्हारे घरा आओ जी,
दीनो का नाथ कहाहो मानव कुल अवतारी,
महिमा थारी वर्णी न जाए पूजे दुनिया सारी,
मैं भी धरा थारो ध्यान गावा थारो ही गुणगान,
बाबा म्हारे घरा आओ जी,
गांव गांव में शहर शहर में होवे पूजा थारी,
खाटू वाले श्याम धनि ने पूजे दुनिया सारी,
खाटू सांचो है दरबार ये ते परचा देवे श्याम,
बाबा म्हारे घरा आओ जी,
आनदेया ने आखा देवा,पंगेलेया ने पाँव,
कोडियारो कोढ़ विहारु जाने सकल जहां,
करे अर्जी रमेश हरो कष्ट कलेश,
बाबा म्हारे घरा आओ जी,