जुबा जुबा पे चर्चा इनका है इतनी मकबूल,
होती है श्री श्याम के दर पर सब दुआ कबूल ,
तुम्हरा क्या कहना है श्याम तुझे न भूलू सुबहो श्याम,
इनकी बात निराला इनका जग में ऊंचा नाम,
जो हर शह को सोना करदे वो पारस है श्याम,
इनका नाम लिए दुःख भागे इनमे वो है शक्ति,
भंगारे भर जाए जो भी करे श्याम की भक्ति,
काँटा भी इनके परशाद से हो जाता है फूल,
होती है श्री श्याम के दर पर सब दुआ कबूल ,
जिसपे मेहर करे उसकी तकदीर सवर जाये,
जो भी खाली जाये उसकी झोली भर जाये,
बाबा की चौकठ पर ऐसा नूर बरसत ता है,
मेरा शीश का दानी सब के दिल में वस्ता है,
कर देते ये माफ़ जो हमसे हो जाती है भूल,
होती है श्री श्याम के दर पर सब दुआ कबूल ,
मैंने जैसा सुना था उस से जयदा ही पाया है,
सच मुच् श्याम तुम्हारे चरणों में आराम आया है,
मैं तेरी हो चुकी सांवरे रोज यह आउंगी,
जीवन भर मैं सिमरन तेरी महिमा गाउ गी
मुझे बना लो बाबा अपनी चरणों की धूल,
होती है श्री श्याम के दर पर सब दुआ कबूल ,