रंग रंगीलो, छैल छबीलो,
सांवरियो है म्हारो,
बार बार आँख्या में घूमें,
बाबा मुखड़ो थारो,
बाजे है ढोल मजीरा,
बाजे है चंग सुरीला,
रंग बसंती छायो रे,
चालो चालो जी खाटू धाम,
रसीलो फागण आयो रे,
चालो चालो जी खाटू धाम,
रसीलो फागण आयो रे.....
रंग बिरंगी श्याम धजा,
हाथों में जब लहरायेगी,
रींगस से खाटू तक पैदल,
सारी दुनिया जायेगी,
कोई तो घूमर घाले,
कोई तो रंग उछाले,
कोई धमाल देखो गायो रे,
चालो चालो जी खाटू धाम,
रसीलो फागण आयो रे....
ऐसी मस्ती कठे मिलेगी,
जो खाटू में आवे रे,
सेठ साँवरो हेलो मारे,
क्यों ना खाटू जावे रे,
बेगा सा टिकट कटा ल्यो,
दर्शन बाबा का पा लो,
म्हारे बाबा रो हेलो आयो रे,
चालो चालो जी खाटू धाम,
रसीलो फागण आयो रे.....
सालों साल बुलाते रहीजे,
या अर्जी है श्याम की,
अंजलि भी दीवानी हो गई,
बाबा खाटू धाम की,
ग्यारस की रात जगास्या,
बारस ने धौक लगास्यां,
चालो चालो जी खाटू धाम,
रसीलो फागण आयो रे.....