नजारा वो खाटू का यहाँ बैठा,
बाबा श्याम मेरा है खुशियां बांट रहा,
चलो चले खाटू चले सुनो जी,
चलो चले खाटू चले है धरती पे स्वर्ग वहां,
बाबा श्याम का धाम यहाँ,
भगतो के मन का कमल खिल जाता,
मेरे श्याम का दर्शन जो पाता,
हारे का सहारा है वो कहलाता,
सब कुछ है मिलता यहाँ होती अमृत की वरखा सदा,
ज़िंदगी बन जाती है,
वरखा तो हो रही है आओ हम नहा ले अभी ज़िंदगी तो बनानी है,
ग्यारस का दिन बाबा सब से सुहाना,
कृष्णा को मिले का अच्छा है बहाना,
पूजा को भी अपनी संग ले आना,
किशोर को अपनी संग ले आना,
हमने ये जान लिया सिवा तेरे मेरा कोई नहीं,
बस इतना ही कहना है,
श्याम शरण मिल गई क्या करना इस दुनिया का तेरे चरणों में रहना है,
दुनिया ये गाती है तेरे नाम से रस्ता तो क्या ज़िंदगी कट जाती है